इतनी सी खुशी…

न हमें मोती चाहिए, न ही कोहिनूर चाहिए,बस कुछ ज़रूरी चेहरों पे इक खास नूर चाहिएखिले रहें ये चेहरे हर मौसम सुबह-ओ-शाम,बस इतनी सी खुशी हमें भरपूर चाहिए ग़ाफ़िल

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अमावस

ज़रूरी नहीं हर रात हो चाँद से रौशन, साये हम-बदन से तो बस अमावस में लगते हैं,जुगनू भी ये बात समझते हैं अलबत्ता, इसीलिए रह रह के आलस में जलते…

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ख़ालिस खुशी…

जिन्न-ए-दौलत मिले, जिन्न-ए-रियासत मिले,चाहे एक मुकम्मल सियासत मिले,ख़ालिस खुशी अपनी कमाई के चन्द सिक्के ही देते हैं,चाहे लाख दीनारों की विरासत मिले। ग़ाफ़िल

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मुश्किल तो है….

मुश्किल तो है.... जाना उसे तो हुआ ये एहसास, शुक्र है ख़ुदा, ज़िन्दगी में शामिल तो है,है अजब रिश्ता पर कैसा भी हो, लफ़्ज़ों के लेनदेन की तकमील तो है।…

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निशान-ए-आब

दर्द में मजा पाने का हुनर होगा बेशक़ अनोखाआँसू भले सूख जाते हों, दाग़ नहीं जाते।होना पड़ा जो कभी खुश उस खुदा के करम से,याद रहे, याददाश्त है ये, इससे…

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हल

न रंजिश रहेगी, न झिझक, न उम्मीद की इन्तेहाँमैं दिल छोड़ के आऊंगा, तू भी दिल छोड़ के आ - ग़ाफ़िल

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अदालत

जेहन में लगी है अदालत, खुद पर ही फ़रोशी के मुकदमे लगे हैं, तू हो जा खुशहाल, और गवाही दे दे। ग़ाफ़िल

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