ख़ालिस खुशी…
जिन्न-ए-दौलत मिले, जिन्न-ए-रियासत मिले,चाहे एक मुकम्मल सियासत मिले,ख़ालिस खुशी अपनी कमाई के चन्द सिक्के ही देते हैं,चाहे लाख दीनारों की विरासत मिले। ग़ाफ़िल
जिन्न-ए-दौलत मिले, जिन्न-ए-रियासत मिले,चाहे एक मुकम्मल सियासत मिले,ख़ालिस खुशी अपनी कमाई के चन्द सिक्के ही देते हैं,चाहे लाख दीनारों की विरासत मिले। ग़ाफ़िल