निशान-ए-आब

दर्द में मजा पाने का हुनर होगा बेशक़ अनोखा
आँसू भले सूख जाते हों, दाग़ नहीं जाते।
होना पड़ा जो कभी खुश उस खुदा के करम से,
याद रहे, याददाश्त है ये, इससे निशान-ए-आब नहीं जाते।

ग़ाफ़िल

Leave a Reply